Mangal Dosh Puja in Ujjain – Shanti aur Samriddhi Ki Oar

मंगल दोष क्या है?

मंगल दोष (या मांगलिक दोष) एक ग्रह दोष है जो तब होता है जब मंगल (मंगल) जन्म कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में होता है। यह व्यक्ति के विवाह, रिश्तों, स्वास्थ्य और करियर को प्रभावित करता है। विवाह में देरी, अलगाव या अन्य स्थितियाँ मंगल दोष के कारण हो सकती हैं।

उज्जैन मध्य प्रदेश का एक प्राचीन और पवित्र धार्मिक स्थल है, जहाँ मंगलनाथ मंदिर स्थित है - जिसे मंगल ग्रह का जन्मस्थान माना जाता है। यही कारण है कि यहाँ की जाने वाली मंगल दोष पूजा सबसे प्रभावी मानी जाती है।

मंगल दोष पूजा विधि उज्जैन में वैदिक मंत्रों और शास्त्र विधियों से पूजा की जाती है:

गणेश वंदना और संकल्प

नवग्रह शांति पाठ

भात पूजा (मंगल देव को लाल भोजन अर्पित करना)

पूर्णाहुति और आशीर्वाद

यह पूजा आम तौर पर मंगलवार को की जाती है, जिसे मंगल देव का दिन माना जाता है।

गुरुदेव अजय पाठक जी के साथ पूजा

गुरुदेव अजय पाठक जी उज्जैन के प्रसिद्ध ज्योतिषी और कर्मकांडी पंडित हैं, जिनके मार्गदर्शन में मंगल दोष पूजा और काल सर्प दोष पूजा अनुष्ठान के अनुसार की जाती है। उनके दिनों का अनुभव और शुद्ध वैदिक ज्ञान भक्तों को सुख, शांति और संतुष्टि देता है।

कैसे बुक करें? आप अपना समय ऑनलाइन या फोन के माध्यम से निर्धारित कर सकते हैं। पूजा का समय: सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक। पूजा का समय, सामग्री और शुल्क आपके दोषों और कुंडली के अनुसार हैं।

🔱 आज ही बुक करें और अपने जीवन में मंगल लाएं संपर्क करें!

मंगल दोष पूजा के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहां जाएं: https://ujjainmangaldoshpuja.in/

Phone: +91-6260282129

Email: book@ujjainmangaldoshpuja.in

Address: Gurudev Ajay Pathak, Mangal Nath Mandir, Campus, Ujjain, Madhya Pradesh 456006

0
Subscribe to my newsletter

Read articles from Gurudev Ajay Pathak Ji directly inside your inbox. Subscribe to the newsletter, and don't miss out.

Written by

Gurudev Ajay Pathak Ji
Gurudev Ajay Pathak Ji

Is there a delay in marriage or mental tension due to Mangal Dosh in your Kundli? You will get a new direction of life through Mangal Dosh Puja done under the guidance of Gurudev Ajay Pathak Ji. Dosh removal is done in the Mangalnath Temple of Ujjain through pure Vedic method.