कैसे बिहार का कतरनी चावल बन रहा है International Kitchen का हिस्सा

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भारत की मिट्टी में अन्न ही नहीं, परंपरा और स्वाद भी उगते हैं। इसी परंपरा की खास विरासत है बिहार का कतरनी चावल, जो आज सिर्फ गाँवों या पारंपरिक घरों तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि अब यह इंटरनेशनल किचन का हिस्सा बनता जा रहा है।

Manjusha Natural जैसे ब्रांड इस देसी धरोहर को न केवल भारत के हर कोने तक पहुँचा रहे हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी इसकी खुशबू बिखेर रहे हैं।

कतरनी चावल की पहचान क्या है?

कतरनी चावल बिहार के भागलपुर, बांका और मुंगेर ज़िलों में उगाया जाता है। इसका नाम 'कतरनी' इसलिए पड़ा क्योंकि इसके दाने की बनावट नुकीली होती है — जैसे कटार की धार। यह चावल:

सुगंधित होता है

छोटे और पतले दाने वाला होता है

पकने के बाद बेहद नर्म और स्वादिष्ट होता है

और सबसे खास बात – इसकी सुगंध और स्वाद बिलकुल अनोखा होता है

कतरनी चावल को GI टैग मिल चुका है, जो यह सिद्ध करता है कि यह चावल विशिष्ट रूप से बिहार की मिट्टी और जलवायु से जुड़ा हुआ है।

कैसे बना इंटरनेशनल किचन का हिस्सा?

1. स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी

आज की दुनिया हेल्दी खाने की ओर बढ़ रही है। कतरनी चावल में कम फैट, कोलेस्ट्रॉल फ्री, और आसान पाचन जैसे गुण हैं, जो इसे अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य बाजारों में लोकप्रिय बना रहे हैं।

2. सुगंध और स्वाद की अनोखी पहचान

विदेशों में रहने वाले भारतीय, खासकर बिहारी लोग, अपने स्थानीय स्वाद को मिस करते हैं। कतरनी चावल की खुशबू और स्वाद उन्हें घर की याद दिलाते हैं। साथ ही, विदेशी शेफ भी इसकी फ्लेवर प्रोफाइल को एक्सप्लोर कर रहे हैं।

3. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और एक्सपोर्ट

Manjusha Natural जैसे ब्रांड अब Amazon, Flipkart, और अपनी वेबसाइट के माध्यम से कतरनी चावल को भारत के साथ-साथ यूएस, यूके, ऑस्ट्रेलिया, और मिडिल ईस्ट तक पहुँचा रहे हैं। इसके पैकिंग और क्वालिटी को इंटरनेशनल स्टैंडर्ड्स के अनुसार तैयार किया जा रहा है।

4. इंटरनेशनल रेस्टोरेंट्स और इंडियन किचन

अब कई इंडियन रेस्टोरेंट्स और ग्लोबल शेफ अपने मेनू में कतरनी चावल से बने व्यंजन जैसे खीर, पुलाव, और बिरयानी शामिल कर रहे हैं। इसका यूनिक फ्लेवर और फ्रेग्रेंस उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पसंद दिला रहा है।

Manjusha Natural की भूमिका

Manjusha Natural एक ऐसा ब्रांड है जो बिहार की देसी और पारंपरिक विरासत को शुद्धता, सादगी, और आधुनिक पैकेजिंग के साथ ग्राहकों तक पहुँचा रहा है।

यह चावल 100% शुद्ध, बिना पॉलिश, और हाथ से कुटा होता है

हर बैच की गुणवत्ता जांची जाती है

यह चावल किसानों से सीधे खरीदा जाता है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बल मिलता है

अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर के लिए भी यह ब्रांड सुविधाजनक सेवा प्रदान करता है

भविष्य की संभावनाएँ

कतरनी चावल की माँग देश के साथ-साथ विदेशों में भी तेज़ी से बढ़ रही है। आने वाले वर्षों में:

यह फाइनेस-फूड सेगमेंट में और मजबूत होगा

फार्म-टू-फॉर्क मॉडल के ज़रिए विदेशी ग्राहकों तक सीधे पहुँचेगा

और साथ ही, यह भारत के कृषि और सांस्कृतिक गौरव को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाएगा

निष्कर्ष: देसी से ग्लोबल तक का सफर

बिहार का कतरनी चावल सिर्फ एक खाद्य पदार्थ नहीं, बल्कि संस्कृति, स्वाद और शुद्धता का प्रतीक है। Manjusha Natural जैसे ब्रांड इस अनमोल धरोहर को गांव की गलियों से निकालकर दुनिया के प्लेटफॉर्म तक ले जा रहे हैं।

अब समय है कि हम भी अपने किचन को शुद्धता और परंपरा से भरें — Manjusha Natural का Online Katarni Rice चुनें, और स्वाद का देसी जादू दुनिया तक पहुँचाएं।

Source Link : https://manjushanatural.com/कैसे-बिहार-का-कतरनी-चावल-ब/

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