Bihar Assembly Election 2025: बिहार में महागठबंधन का हिस्सा नहीं होगी आप, अरविंद केजरीवाल ने अकेले चुनाव लड़ने का किया ऐलान

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी (AAP) पूरी तरह से अकेले चुनाव में उतरेगी — यह अरविंद केजरीवाल के ताज़ा ऐलान का मुख्य संदेश है।
🗳️ मुख्य बातें
AAP का निर्णय
केजरीवाल ने गुजरात दौरे के दौरान स्पष्ट किया कि AAP बिहार में 243 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा:
“हम बिहार में अकेले चुनाव लड़ेंगे, जीतेंगे और सरकार बनाएंगे… गाँठ सिर्फ लोकसभा चुनावों के लिए थी”
इससे दिल्ली और पंजाब से प्रेरित एक राजनीतिक स्वतंत्र पहचान बनाने की रणनीति झलकती है — गठबंधन की सूरत को सीमित रखा जाएगा ।
बैकग्राउंड और रणनीति
जून में AAP ने यूपी और बिहार के लिए अलग-अलग चुनावों में गठबंधन नहीं करने का संकेत दिया। संजय सिंह ने कहा कि ये “लोकसभा गठबंधन” तक सीमित था ।
पार्टी ने राज्य में “Bihar mein bhi Kejriwal” कैंपेन शुरू किया है, जिसमें दिल्ली मॉडल के तहत मुफ्त बिजली, शिक्षा, और स्वास्थ्य योजनाओं का वादा है
राजनीति पर असर
इस कदम से महागठबंधन (RJD–कांग्रेस) में संभावित वोट विभाजन हो सकता है, विशेषकर शहरी व युवा वर्ग में AAP के ‘ताज़ा विकल्प’ के रूप में प्रवेश से
इसके अलावा, BJP ने AAP की इस रणनीति पर तीखा हमला बोला। पार्टी के नेता अजय आलोक ने केजरीवाल को “कपटीवाल” कहकर आड़े हाथों लिया
🎯 निष्कर्ष
AAP की स्थिति स्पष्ट है: मजबूती से केंद्र वाली दल बनकर चुनाव लड़ना चाहते हैं, साझा मोर्चा नहीं।
राजनीतिक संतुलन में बदलाव: यह कदम NDA–महागठबंधन के बीच के समीकरणों को प्रभावित कर सकता है — AAP के चलते मध्यवर्ती तीसरे मोर्चे का निर्माण हो सकता है।
क्या होगा परिणाम? अगर AAP अपेक्षानुसार कामयाब रही, तो राज्य की राजनीति में 'Delhi model’ के शासन विकल्प के रूप में प्रवेश हो सकता है।
📌 आगे क्या देखें?
AAP अपने प्रचार, उम्मीदवारों की घोषणा और बूथ‑स्तर संगठन को कैसे तैयार करती है?
महागठबंधन—RJD और कांग्रेस—AAP के इस कदम पर कैसे प्रतिक्रिया देगी?
क्या BJP फोर्स करेगी कि AAP का अस्तित्व वोट विभाजन करेगा या वोटर ‘इंडिया विरोध में’ खड़ा होगा?
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